Biyani Times

बच्चे जैसी कोमलता, दिव्यता और तेज, ऐसी होगी रामलला की प्रतिमा

अनुष्का शर्मा

1.5 टन वजनी और बच्चे जैसी मासूमियत लिए होगी रामलला की प्रतिमा

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने वाली है। यहां पर भगवान श्रीराम की जो प्रतिमा लगेगी, वह अपने आप में बेहद खास होगी। यह प्रतिमा 51 इंच ऊंची, 1.5 टन वजनी और बच्चे जैसी मासूमियत लिए होगी। इतना ही नहीं, हर साल रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे सूरज की किरणें इस प्रतिमा के माथे को स्पर्श करेंगी। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने यह जानकारी दी। इस मूर्ति का पूजन 16 जनवरी से शुरू होगा और गर्भगृह में इसे 18 जनवरी को स्थापित कर दिया जाएगा। चंपत राय ने बताया कि इस मूर्ति पर पानी, दूध या आचमन का कोई विपरीत प्रभाव नहीं होगा।

गहरे रंग की विशेषता

चंपत राय ने बताया कि प्रभु श्रीराम की मूर्ति और जिस जगह इसे स्थापित किए जाएगा, उसे स्पेस साइंटिस्ट्स से राय के मुताबिक तैयार किया गया है। इसे इस तरह से बनाया गया है कि हर साल चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नौवीं तारीख को राम नवमी के अवसर पर दोपहर 12 बजे सूर्य देवता खुद श्रीराम का अभिषेक करेंगे। उन्होंने बताया कि एक ही आकार की तीन प्रतिमाएं बनाई गई थीं, जिनमें एक का चयन हुआ है। श्रीराम प्रतिमा की सौम्यता का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि गहरे रंग के पत्थर से बनी मूर्ति में भगवान विष्णु की दिव्यता और एक शाही बेटे का तेज है। साथ ही साथ इसमें पांच साल के बच्चे की मासूमियत भी है।

16 जनवरी से शुरू होगा समारोह

राम ट्रस्ट के महासिच के मुताबिक मूर्ति का चयन चेहरे की कोमलता, आंखों में देखने, मुस्कान, शरीर आदि को ध्यान में रखकर किया गया है। उन्होंने कहा कि 51 इंच ऊंची प्रतिमा पर सिर, मुकुट और आभा को भी बारीकी से तैयार किया गया है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरुआत 16 जनवरी से होगी। वहीं, 18 जनवरी को गर्भगृह में भगवान राम को सिंहासन पर स्थापित किया जाएगा। पांच साल की आयु वाले भगवान राम की प्रतिमा मंदिर के भूतल पर रखी जाएगी और 22 जनवरी को इसका अनावरण होगा। आठ महीने बाद जब मंदिर तैयार हो जाएगा तो प्रभु श्रीराम के भाइयों, माता सीता और हनुमान की मूर्तियां पहली मंजिल पर रखा जाएगा।

Exit mobile version