पूर्वा चतुर्वेदी
ब्रिटेन ने 2 सितंबर से डिजिटल साइट्स के लिए बच्चों के डेटा प्रोटेक्शन और सेफ डिजिटल स्पेस क्रिएट करने के उद्देश्य से नया कानून लागू किया है। ब्रिटेन में काम कर रहीं सभी वेबसाइट्स पर यह कानून लागू होगा। अगर नहीं माना तो कंपनियों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाएगा।
पहले समझिए यह कानून क्या है?
यूके के इस कानून के जरिए बच्चों के डिजिटल डेटा को स्टोर, शेयर और कलेक्ट करने के लिए कड़े प्रावधान लागू किए गए हैं। इन नियमों का पालन उन वेबसाइट्स या ऐप्स को करना होगा, जिनका इस्तेमाल बच्चे कर रहे हैं या कर सकते हैं। इस डिजिटल डेटा का इस्तेमाल कहां, कैसे और किस तरह होगा, इसे तय किया गया है।
सितंबर 2020 में प्रस्तावित कानून को ब्रिटेन के इंफॉर्मेशन कमीश्नर ऑफिस ने पेश किया था। बिल की बातें मानने के लिए कंपनियों को एक साल का समय दिया गया था। एक साल पूरा होने पर 2 सितंबर 2021 से ये कानून लागू हो गया है।
कानून में क्या बातें कही गई हैं?
- सर्विसेस को बच्चों के लिए उचित और पूरी तरह सेफ रखना होगा।
- बच्चों के डेटा का कॉमर्शियल और सेक्सुअली उत्पीड़न में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
- वेबसाइट का डिजाइन ऐसा हो कि बच्चों को बहुत ज्यादा डेटा न बताना पड़े।
- इन वेबसाइट्स और ऐप्स पर लोकेशन ट्रैकिंग सर्विसेस को बंद करना होगा।
- बच्चों के किस तरह के डेटा को कलेक्ट किया जा रहा है, उसकी मैपिंग करनी होगी।
- इस कानून को बनाने के लिए 15 पैरामीटर का सहारा लिया गया है, जिसमें डेटा प्रोटेक्शन, ट्रांसपेरेंसी और पेरेंटल कंट्रोल्स जैसी चीजें शामिल हैं।
- ये कानून ब्रिटेन और ब्रिटेन के बाहर की सभी कंपनियों पर लागू होगा।
कानून नहीं मानने वालों के लिए क्या प्रावधान है?
जो कंपनियां कानून नहीं मानेंगी उन पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाएगा। कंपनियों को पेनल्टी के तौर पर अपने ग्लोबल टर्नओवर का 4% फाइन लगेगा। हालांकि, ये फाइन सीधे शिकायत पर नहीं लगेगा। पहले शिकायत की आधिकारिक संस्था द्वारा पूरी जांच होगी। फिर उसके ऊपर कार्रवाई होगी।