माननीय प्रधानमंत्री जी ने 12 मई को 20 लाख करोड़ के पैकेज की जो घोषणा की है, उसके बाद सभी लोग ये जानने की कोशिश कर रहें है कि आखिर क्या होने वाला है. आइये जरा अनुमान लगाएं कि क्या किया जा सकता है और क्या किया जा सकता है. मुझे लगता है सबसे पहले जो विशेष बात की गयी है, वह शब्द जो सबसे ज्यादा बार बोला गया है, वह शब्द था-आत्मनिर्भर।
लोकल को वोकल बनाना है
आत्मनिर्भर भारत बनाना चाहते हैं. और मुझे लगता है मोदी जी के पूरे भाषण की जो ख़ास बात थी, वह थी लोकल को वोकल बनाना है, स्वदेशी को बढ़ाना हैं, मुझे लगता है ये दो शब्द बहुत कुछ बता रहें हैं. इस बात पर गौर करेंगे तो पायेगें कि जब से फिल्पकार्ट और अमेज़न जैसी कंपनियां भारत में आयी हैं, तब से हमारे व्यापारी और हमारे बीच की जो चैन हैं, उस चैन की कमर टूट गयी है।
मुझे लगता है कि स्वदेशी उत्पादों को बढ़ाने में जरूर कुछ विशेष प्रयास किये जायेगें, और कुछ ऐसा किया जायेगा, जिससे ये कंपनियां थोड़ी पीछे हटें, कुछ ऐसा किया जायेगा जिससे सरकार की तमाम जो खरीद की जो वस्तुएं हैं, चाहे वो सेना के लिए हो या फिर पुलिस के लिए. ये सारी खरीद स्वदेशी की जाएगी। और प्रधानमंत्री महोदय ने एक विशेष बात भी बोली कि जब हम स्वदेशी को बढ़ावा देतें हैं,वह ही बाद में ब्रांड बन जाती है. ऐसा ही विदेशी कंपनियों के साथ भी हुआ है.
20 लाख करोड़ का पैकेज : फ़र्दर इंटरेस्ट एंड इंस्टालमेंट डेफ्फेरमेंट” की योजना
दूसरी बात जो मुझे लगती है वह यह है कि व्यापारी वर्ग जो इस समय सबसे ज्यादा परेशान है, इस बार उनके लिए भी कुछ विशेष किया जायेगा, जैसे कि ,”फ़र्दर इंटरेस्ट एंड इंस्टालमेंट डेफ्फेरमेंट” की योजना। और मुझे तो लगता है कि ये भी किया जा सकता है कि ना तो डिपाजिट पर ब्याज दिया जाये और ना ही एडवांसेज पर ब्याज लिया जाये, ताकि इंडस्ट्री सस्टेन रह सके. अगर ऐसा नहीं किया जायेगा तो मुझे लगता है उद्योग धंधे चौपट हो जायेगें और हमारी अर्थव्यवस्था ठप्प हो सकती हो सकती है. और अगर ऐसा किया जाएँ तो मुझे लगता है कि इसमें किसी को कोई बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा, कुछ समय की ही बात है. इससे सभी व्यापारियों में मनोबल बढ़ जायेगा उनमे साहस पैदा हो जाएगा।
इसके अलावा एग्रीकल्चर सेक्टर में भी विशेष काम हो सकता है. किसान क्रेडिट कार्ड में पेमेंट सीधे ट्रांसफर किया जा सकता है. अगर सीधे पेमेंट ट्रांसफर किया जायेगा तो किसानो की खरीद क्षमता बढ़ेगी और खरीद क्षमता बढ़ेगी तो बाजार में डिमांड आएगी। जैसा कि आप सभी जानते हैं भाषण के दौरान जब उन्होंने 20 लाख करोड़ का ब्रेकअप दिया तो उसमे आरबीआई और सरकार द्वारा उठाये गए पूर्व कदमों को भी शामिल किया गया है. यानी 20 लाख करोड़ का ब्रेकअप कर दिया गया है. लेकिन इसके बावजूद भी मुझे ऐसा लगता है कि डायरेक्ट मनी भी ट्रांसफर किया जायेगा।
जापान सरकार की पॉलिसी से प्रभावित
मुझे लगता है कि इसमें जापान सरकार की पॉलिसी से मोदी सरकार की पॉलीसी प्रभावित रहेगी। क्योकि जापान में भी सभी नागरिकों के खाते में पैसे सीधे ट्रांसफर किये गए हैं. डिमांड बढ़ाने के उद्देश्य से यह किया गया है. जब तक लोगों में पेइंग क्षमता नहीं होगी। तब तक इकॉनमी कैसे बूस्ट होगी। इसके अलावा एक और विशेष बात ये की जा सकती है कि जो बाहर से कम्पनियां उन्हें सस्ती लैंड सुविधाएँ दी जा सकती हैं ताकि यहां रोजगार उपलब्ध करवाया जा सके.
अब आप ये सोच रहे होंगे कि ये इतना पैसा आएगा कहाँ से? तो भई, इस बात तो ऐसे समझिये। सरकार तो सरकार है, सरकार बॉन्ड इशू कर सकती है और उसे लेने के लिए पब्लिक सेक्टर कंपनियों को बाध्य कर सकती है. इससे काफी पैसा आ सकता है. सरकार तो पैसा छाप भी सकती हैं. इन्फ़्लुएशन बढ़ेगा तो भी लिक्विडिटी तो बाजार में आएगी ही.
मुझे लगता है कि कुल मिलाकर ये जो व्यवस्था बनाई जा रही है उसमे ये कोशिश की जा रही है कि लोगों में उत्साह बढ़े, लिक्विडिटी बढ़े, पैसा आये, मजदूरों की समस्या का समाधान हो. मुझे लगता है कि ये बहुत ही अच्छा प्रयास है. इसी के साथ नोटबंदी के कारण इंडस्ट्री में सरकार की प्रति जो दुर्भावना पैदा हुई थी , उसे काफी हद तक कम करने का प्रयास किया जायेगा।
Dr. Sanjay Biyani