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7 उपाय बरसात में रखें फिट ऐंड फाइन

चिलचिलाती गरमी से मौनसून की बौछारें राहत तो देती हैं पर बारिश के बाद वातावरण में बढ़ती उमस के कारण वायरल, बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण भी सक्रिय हो जाते हैं. इस दौरान डेंगू, मलेरिया आदि के मामले भी बढ़ जाते हैं. फिर उमस भरे मौसम में शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है.

तो क्या मौनसून का लुत्फ न उठाएं? नहीं, मौनसून का दिल खोल कर लुत्फ उठाने के लिए बस इन स्वास्थ्य संबंधी उपायों का पालन करें:

 मच्छरों से बचाव

वैसे तो डेंगू व मलेरिया के मामले गरमी के महीनों से ही दिखने लगते हैं, लेकिन जब मौनसून की बौछारें शुरू होती हैं तो ये बीमारियां चरम पर पहुंच जाती हैं. उमस बढ़ते ही कीड़ेमकोड़ों को पनपने का माकूल माहौल जो मिल जाता है. ठहरे हुए पानी में मच्छरों को प्रजनन करने की अच्छी जगह मिल जाती है और हवा में बढ़ती उमस उन्हें पनपने का अच्छा मौका मिल जाता है. इसीलिए मच्छरजनित बीमारियों का कहर मौनसून के मौसम में चरम पर होता है. अत: घर के आसपास ठहरे हुए पानी में मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव करें.

भरपूर पानी पीते रहें

अत्यधिक उमस का मतलब है कि बहुत ज्यादा पसीना निकलेगा. लिहाजा डीहाइड्रेशन होना पक्का है. पूरे वर्ष की तरह मौनसून के दौरान भी खुद को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है. शुद्ध जल का पर्याप्त सेवन करें ताकि आप का शरीर और त्वचा हाइड्रेटेड बनी रहे. इस से आप के शरीर को संक्रमण से लड़ने की ताकत भी मिलती है और आप पानी की कमी होने से भी बचे रहते हैं. इस के अलावा भरपूर पानी पीने से शरीर के विषाक्त तत्त्व भी पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकलते रहते हैं.

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बैक्टीरियल एवं फंगल संक्रमण से बचाव

मौनसून के मौसम में बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण बड़ी तेजी से फैलता है, क्योंकि इस मौसम का तापमान और नमी उन की वृद्धि के लिए अनुकूल हो जाती है. त्वचा के संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि आप अपनी त्वचा को ज्यादा समय तक भीगने से बचाएं. सीलन के कारण फंगल संक्रमण बढ़ता है. बैक्टीरियल और फंगल समस्याओं से बचे रहने के लिए ऐंटीबैक्टीरियल साबुन, क्रीम और पाउडर का इस्तेमाल करें, खासकर तब जब आप की त्वचा ज्यादा संवेदनशील हो.

आर्द्र मौसम में फंगल तेजी से फैलता है. त्वचा के मुड़ने वाले स्थानों पर लाल निशान पड़ जाते हैं. इस के अलावा तैलीय त्वचा में तेजी से दाने निकल आते हैं और खुजली भी होने लगती है. बहुत ज्यादा पसीना निकलने की स्थिति में यदि आप त्वचा को सुखा कर नहीं रखते और कपड़े नहीं बदलते हैं तो भी ऐसी समस्याएं बढ़ जाती हैं. ज्यादा देर तक पसीने वाले मोजे पहनने से भी समस्या बढ़ जाती है. इसलिए अपने पैरों और जांघों को सूखा और संक्रमण मुक्त रखें.

स्नान करने के बाद तौलिए से त्वचा और सिर को पोंछ कर सुखा लें. जब भी पैरों को धोएं, उन्हें तौलिए से अच्छी तरह पोंछ कर सुखा लें और उंगलियों के बीच के हिस्सों को भी सुखा लें. इस से आप संक्रमण से बचे रहेंगे. घर में प्रवेश करते ही पैरों को धो लें और संभव हो तो पानी में बेटाडीन की कुछ बूंदें मिला कर उस में पैरों को कुछ देर डुबोए रखें. जरूरत हो तो ऐंटीफंगल पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. पैरों में हवा की आवाजाही बनाए रखने के लिए खुले जूते या चप्पलें पहनें.

तैलीय और बाहर के भोजन से परहेज करें

मौनसून के मौसम में अपचता भी एक बड़ी समस्या होती है. जब उमस अधिक होती है तो शरीर में भोजन पचाने की क्षमता कमजोर पड़ जाती है. फिर जब आप का पाचनतंत्र कमजोर रहता है तो गरिष्ठ भोजन आप के पेट को आसानी से बिगाड़ सकता है. लिहाजा आप अपने पेट को बिगड़ने न दें. इसे संक्रमण की चपेट में न आने दें. तैलीय भोजन भी त्वचा में संक्रमण और अन्य समस्याएं पैदा करने के लिए जिम्मेदार होता है. अत: इस दौरान हलका और आसानी से पचने वाला भोजन ही करें.

इस दौरान चूंकि संक्रमण चरम पर होता है, इसलिए बाहर के भोजन से परहेज करना ही बेहतर होगा. मौनसून के दौरान सड़क किनारे के ढाबों और रैस्टोरैंट में खाना खाने से दूर ही रहें. घर में बना भोजन ही करें. इस से संक्रमण की चपेट में आने की संभावना कम रहेगी, जो इस दौरान वातावरण में तेजी से फैल चुका होता है.

आंखों को भी रखें साफ

इस मौसम में आंखों का वायरल संक्रमण भी चिंता का कारण बनता है. हालांकि इस मौसम में संक्रमण से बचना मुश्किल होता है, लेकिन यह तय है कि आंखों की साफसफाई करते रहने से आप संक्रमण के खतरे को कम कर सकते हैं. घर में प्रवेश करते ही साबुन से हाथ धो कर आंखों को पानी से अच्छी तरह धोएं.

हर रात सोने से पहले आंखों में गुलाबजल की कुछ बूंदें डालें. पानी में सल्फर का टुकड़ा डाल कर भी रख सकते हैं. फिर उस पानी से आंखों को साफ कर सकते हैं.

प्रतिरक्षण प्रणाली मजबूत रखें

संक्रमण से लड़ने का सब से अच्छा तरीका अपने शरीर को अंदर से मजबूत बना कर रखना है और यह मजबूती सही खानपान से ही संभव हो सकती है. शरीर को चमकदार और अंदर से मजबूत बनाए रखने के लिए नियमित रसदार फल और हरी सब्जियां खाएं. सेब, नाशपाती और अनार जरूर खाएं. भोजन में लहसुन का इस्तेमाल करें. नियमित दही खाएं.

साफसफाई के नियमों का पालन करें

मौनसून के दौरान संक्रमण तेजी से फैलता है. इसलिए खुद को जितना साफसुथरा रखेंगे आप के संक्रमित होने की उतनी ही कम संभावना रहेगी. हम सार्वजनिक परिवहन में सफर करते हैं, सार्वजनिक स्थानों और सामुदायिक केंद्रों में जाते हैं जहां हर तरह के लोग होते हैं. इन में से कई लोग संक्रमण से ग्रस्त हो सकते हैं. अत: उन से संक्रमित न होने का सब से अच्छा उपाय यही है कि घर आते ही हाथों और चेहरे को अच्छी तरह धो लें. संभव हो तो स्नान ही कर लें तथा शरीर को अच्छी तरह सुखा लें.

-डा. रविंद्र गुप्ता

इंटरनल मैडिसिन कंसल्टैंट, कोलंबिया एशिया हौस्पिटल

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